Poem on Girl in Hindi
जब तक वह घर घर नहीं होता
जब तक उस घर में किसी
बेटी का जन्म नहीं होता
बेटी फरिश्ता होती है
देवी का एक रूप होती है
बेटी बिन संसार अधूरा है
उसके बिन घर सूना है
बेटा मन्नतों से जन्म लेता है
बेटी बिना बताये आ जाती है
बेटा नाज नखरों से पलता है
बेटी खुद ही बड़ी हो जाती है
बुढापे में जब बेटा दगा देता है
बेटी ढाल बनकर काम आती है
आओ बेटियों का गुणगान करें
अपनी बेटियों पर अभिमान करें .
(लेखक – श्रीगोपाल नारसन)
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