सावन पर कविता Poem on Sawan in Hindi
उमंग सी आयी थी
रिमझिम सी फुहार
पंछी -पंछी चहक रहे
वृक्षों पर
एक चमक सी छायी थी
सावन की भोर
उमंग सी आयी थी
बादल -बादल अंबर में
सूरज मौन
धरा है हरियाली -हरियाली
छायी थी सावन की भौर
उमंग सी आयी थी
दूर अंबर , दूर बादल
ह्रदय में आनंद भरमाये
सावन की भोर
उमंग सी आयी थी।
लेखक – पुरुषोत्तम व्यास
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