Navratri Festival Essay in Hindi : नवरात्रि से जुड़ीं पौराणिक कथाएं और महत्व
सदियों से नवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है इस पर्व से जुडी कई मान्यताएं हैं जिस की वजय से यह त्यौहार मनाया जाता है
Navratri Katha
नवरात्रि के दिनों में माँ दुर्गा ने महिषासुर दैत्य का बध किया था। महिषासुर एक शक्तिशाली दैत्य था जिसने भगवान शिव की उपासना कर अमर रहने का वर प्राप्त किया था। भगवान शिव द्वारा दी गयी शक्तियों की वजय से देवता उस दैत्य को मारने में असमर्थ थे। महिषासुर ने सभी देवताओं के नाक में दम कर रखा था। इस दैत्य से तंग होकर सभी देवता बिष्णु ब्रह्मा जी के पास गए सभी देवताओं ने महिषासुर दैत्य के आतंक से मुक्ति की कामना की। इसके पश्चात ब्रह्मा विष्णु और सभी देवताओं ने मिलकर एक शक्ति को जन्म दिया और इसका नाम माता दुर्गा रखा गया।
इस प्रकार माता दुर्गा ने महिषासुर नाम के दैत्य का बध कर सभी देवताओं को उस दैत्य के प्रकोप से मुक्ति दिलाई। तभी से यह त्यौहार बड़ी धूम -धाम और श्रद्धा से मनाया जाता है।
इस पर्व से जुडी एक और मान्यता हैं जिसके अनुसार भगवान राम जी ने लंका के राजा रावण पर विजय प्राप्त करने से पहले समुन्द्र तट के किनारे नौ दिनों तक पूजा की थी और दसवें दिन रावण का बध कर लंका पर विजय हासिल की थी इसीलिए नवरात्रि के बाद दशहरा का पर्व मनाया जाता है दशहरा को असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है जिनके रूपों को नवदुर्गा भी कहा जाता है।
नवरात्री का पर्व – शारदीय नवरात्र और चैत्र नवरात्र के रूप में मनाया जाता है नवरात्रि का अर्थ है नौ रातें नवरात्रि हिन्दुओं का विशेष त्यौहार है जो माँ दुर्गा देवी को समर्पित है। नवरात्रि के दिनों में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है यह पर्व पूरे देशभर में बड़ी ही धूम -धाम और उत्साह से मनाया जाता है। नवरात्रि के बाद दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है। रामायण के अनुसार दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस पर्व के दिनों में माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है माता दुर्गा के नौ रूप इस प्रकार हैं : शैलपुत्री, ब्रहाचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता , कात्यानी , कालरात्रि , महागौरी और सिद्धिदात्री
उतर भारत में नवरात्रि के पर्व पर रामलीला का आयोजन किया जाता है लोग इन दिनों में व्रत रखते हैं इस पर्व के दौरान नौ दिनों तक मांस –मदिरा और नशों से दूर रहना होता है।
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