Mahatma Gandhi Biography in Hindi महात्मा गांधी की जीवनी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी शरीर के दुबले पतले लेकिन आत्मा के महान शरीर पर कपड़े के नाम पर एक धोती लेकिन दिल के धनी अपनी बात पर अड़ने वाली परंतु हिंसा के पुजारी, उनके इन्हीं गुणों के कारण भारत के साथ साथ पूरा संसार उनके समक्ष नतमस्तक हो गया गांधी जी के साधे व्यक्तित्व को देखकर कोई भी नहीं यह सोच सकता था कि वे अपने विचारों के प्रकाश से भारत में इतनी बड़ी क्रांति ला देंगे।
बापू से प्रभावित होकर महान वैज्ञानिक आइंस्टीन को यह कहना पड़ा था कि पीढ़ियां आएंगी और उन्हें यह विश्वास नहीं होगा कि गांधी जी जैसे सादे व्यक्ति ने खून की एक बूंद गिराए बिना ब्रिटिश साम्राज्य की जड़ें हिला दी ऐसे व्यक्ति का जीवन साधना त्याग बलिदान और तपस्या की प्रतिमूर्ति के रूप में आज भी जनमानस के हृदय में सजीव है।
गांधी जी की सबसे बड़ी विशेषता यह थी के वह सिंद्धात रूप में जो भी कहते उसे अमल में लाते थे यह सच है कि अगर कोई व्यक्ति कुछ नया करने का प्रयत्न करता है तो उसे लोगों का कोई सहयोग नहीं मिलता लेकिन फिर भी वह अपने मार्ग से नहीं डगमग आता।
दक्षिणी अफ्रीका में बापू ने नेटाल इंडियन कॉन्फ्रेंस की स्थापना की जहां घृणा और अन्याय के स्थान पर प्रेम और न्याय का सहारा लिया जाता था। वह भारतीयों पर हो रहे अत्याचारों से काफी खुश थे। 1915 में जब वह भारत लौटे तो सारे भारत में भ्रमण के बाद उन्होंने साबरमती को अपना साधना सफल चुना और वही अपना आश्रम स्थापित कर दिया। अगस्त 1920 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन के अंतर्गत विदेशी विद्द्यालयों, कपड़ों व अदालतों का बहिष्कार कर दिया और प्रिंस ऑफ वेल्स के आगमन के समय विदेशी कपड़ों की आग की लपटों से अंग्रेज सरकार थरथरा उठी गांधी जी के अनेक अनशनों व जेल यात्राओं के बीच दूसरा विश्व युद्ध छिड़ गया और भारत की बिना सलाह लिए भारत को युद्ध में सम्मिलित कर लिया गया इस दौरान गांधीजी ने उपवास और सत्याग्रह का मार्ग नहीं छोड़ा।
उनके यत्नों का ही परिणाम था कि अंग्रेजों को यह अनुभव होने लगा था कि आप जहां उनका अधिक देर तक टिक पाना मुश्किल है तो वह भारत छोड़ने को तैयार हो गए ना चाहते हुए भी गांधी जी को भारत विभाजन स्वीकार करना पड़ा क्योंकि जाने से पहले अंग्रेजों ने डिवाइड एंड रूल की नीति अपनाते हुए हिंदू मुस्लिम एकता में दरार की स्थिति उत्पन्न कर दी थी 1947 में देश तो आजाद हुआ परंतु भारत के दो टुकड़े हो गए राम के पुजारी और गीता के उपासक का जब अंतिम समय आया तो उनके मुंह से है राम निकला।
गांधी जी भारत में राम राज्य लाना चाहते थे परंतु दुख का विषय है कि स्वतंत्रता के लिए किए गए इतने दिनों के बाद भी वे उसे फलीभूत होता नहीं देख सके आज आजादी प्राप्ति के इतने वर्षों बाद भी हमारा देश अराजकता, भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से जूझ रहा है अगर आज गांधीजी होते तो वे सरकार को अवश्य अपने नियमों और दृष्टिकोण से ही चलाते और इसका स्वरूप ही कुछ और होता आज बेशक गांधी जी हमारे बीच नहीं है लेकिन आज भी उनकी शिक्षाएं हमारे जीवन में खास महत्त्व रखती है, बापू सच के पुजारी थे वह देश में राम राज्य की स्थापना करना चाहते थे लेकिन उनका यह सपना साकार ना हो सका मानवता के इतिहास में बापू का नाम सदैव अमर रहेगा।
भारत की पवित्र भूमि पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया जिनमें से महात्मा गांधी जी का नाम भी एक है गांधी जी के जीवन का प्रमुख उदेश्य मानवता की सेवा करना था इसके लिए गांधी जी ने सत्य और हिंसा पर ज़ोर दिया और बापू गांधी ने देश को सदियों की गुलामी की जंजीर से मुक्त कराया इसीलिए गांधी जी इस युग के सबसे महान पुरुष थे जिन्होंने सोये हुए भारतवर्ष को जगाया और देश में आत्म सम्मान की लहर दौड़ाई।
महात्मा गांधी के बचपन का नाम मोहनदास गांधी था। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर (गुजरात) में हुआ था। आपके पिता जी का नाम करमचन्द गांधी था जो राजकोट राज्य के दीवान थे और माता का नाम पुतलीबाई था। 13 वर्ष की उम्र में गांधी जी की शादी कस्तूबरा से हुई थी। 17 वर्ष की उम्र में आपने मेट्रिक पास की और फिर वकालत की पढाई के लिए इंग्लैंड चले गए वहां से आकर आपने वकालत करनी शुरू कर दी।
एक बार आप एक केस के सिलसिले में अफ्रीका गए वहां पहुंचते ही आप ने देखा के वहां की सरकार भारतीय लोगों पर अत्याचार कर रही है भारतीय लोगों को वहां भेद भाव की नजर से देखा जाता था भारतीयों के साथ बुरे व्यव्हार को देखते हुए गांधी जी ने वहां सत्याग्रह आंदोलन करना शुरू कर दिया वहां पर गांधी जी को अनेक प्रकार के कष्ट सहने पड़े परन्तु गांधी जी ने हार नहीं मानी अंत उन्हें सफ़लता भी मिली।
भारत लौटने के बाद आप कांग्रेस में शामिल हो गए यहाँ आप ने असहयोग आन्दोलन चलाया। गांधी जी हमेशा सत्य बोलते थे वह अहिंसा के पुजारी थे वह दिनभर चरखा कातते थे व खादी पहनते थे। आपके महान कार्यों की वजय से लोग आपको बापू गांधी के नाम से भी पुकारते थे।
गांधी जी का उपदेश था के हमेशा सत्य बोलो , सभी से प्यार करो , स्वदेशी पहनो , सबको एक सामान समझो , सभी धर्मों का आदर करो और किसी को अछूत मत समझो ऐसा करना पाप है।
गांधी जी ने देश के महान वीर सपूतों के साथ मिलकर देश को अंग्रेजों से आज़ाद करवाया जिसके लिए आपको राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे नाम के आदमी ने अचानक आप पर गोली चला दी जिस कारण आप स्वर्ग सुधार गए। दिल्ली में राजघाट नाम से आपकी समाधि बनी हुई है।
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Mahatma Gandhi Biography in Hindi – 2
ग़ांधी जी को मोहन दास कर्म चंद ग़ांधी के नाम से भी जाना जाता है। गांधी जी का जन्म 2 ऑक्टूबर 1869 ईस्वी में पोरबंदर में हुआ था। उनका जन्म साधारण से परिवार में हुआ था। ग़ांधी जी ने पोरबंदर में रहकर ही शिक्षा ग्रहण की। मोहन दास कर्म चंद ग़ांधी जी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे।
- महात्मा गांधी बचपन में बहुत ज्यादा शर्मीले थे वह स्कूल से भाग जाते थे ताकि उन्हें किसी से बात न करनी पड़े।
- 2 ओक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस मनाया जाता है। गांधी का जन्म शुक्रवार को हुआ था इसीलिए सरकार ने इस दिन को freedom का नाम दिया ।
- गांधी जी के दो भाई और एक बहन थी ।
- अमेरिका की टाइम्स मैगजीन दुयारा उन्हें 1930 में ” मैंन ऑफ़ दी इयर ” का पुरस्कार मिला।
- महात्मा गाँधी जी कभी भी अपने जीवन काल दौरान अमेरिका नहीं गए।
- गांधी जी ने अपनी “आत्म जीवनी” गुजराती में लिखी थी।
- महात्मा गांधी पर डाक टिकेट 1969 में जारी हुए थे ।
- गाँधी जी अक्सर अपने प्रिये मित्र को खत लिखते रहते और उनकी सहायता भी करते थे।
- गांधी जी ने जब 1931 में इंग्लैंड की यात्रा की तब उन्होंने अमेरिका के लिए रेडियो पर पहली बार भाषण दिया था।
- सुभास चन्द्र बॉस दुयारा महात्मा गांधी को ” रास्ट्रपिता” की उपाधि दी गई।
- कहा जाता है के महात्मा गांधी अक्सर अपनी पत्नी से मार पीट करते रहते थे।
- गाँधी जी अपने नकली दांतों से भोजन किया करते थे और बाद में उन्हें निकाल कर अपनी धोती के लड़ से बाँध लेते थे।
- महात्मा गांधी के बेटे ने उन्हें छोड़ दिया और बाद में उसने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था।
- महात्मा गांधी अक्सर दिनभर चरखा चलाया करते थे।
- गांधी जी की लिखावट बहुत गंदी थी ।
- सन 1948 में अंतिम संस्कार के लिए जिस वाहन में गांधी जी को में ले जाया गया उसी वाहन में सन 1997 में मदर टेरेसा को ले जाया गया था।
- राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी को सम्मान देने के लिए Apple कम्पनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स हमेशा गोल चश्मा पहना करते थे।
- गांधी जी दक्षिण अफ्रीका में बहुत ज्यादा प्रभावशाली वकील रहे थे वहां पर उनका सालाना वेतन 15000 डॉलर का था।
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