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आतंकवाद पर भाषण – Atankwad par Bhashan – Terrorism speech in Hindi

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आतंकवाद पर भाषण – Atankwad par Bhashan – Terrorism speech in Hindi

आतंकवाद पर भाषण

आज के वैश्विक दृश्य में आतंकवाद एक मुख्य बाधा और रुकावट बन गया है। यह ऐसा भय है जो विश्व के हर भाग में बड़े स्तर पर लोगों को प्रभावित कर रहा है। सभी अकादमिक, विचारक, सिविल society, मीडिया के लोग, सभी प्रकार के नेता और जनसाधारण मानते हैं यह मानवता के खिलाफ एक घिनौना अपराध है। विश्व का लगभग हर देश इससे एक जा दूसरी प्रकार से प्रभावित है। जबकि यह समझा जाता है कि आतंकवादियों में लोगों के प्रति दया जा दयालुता नहीं है और वह गलत ढंग से शक्ति हासिल करते हैं और जो पूरी तरह स्पष्ट है कि उन्हें किसी भी धर्म से कोई सरोकार नहीं होता है।

यदि आतंकवादी धार्मिक लोग होते तो वे आतंक को ना अपनाते  क्योंकि प्रत्येक धर्म पूरी मानवता के लिए सही कार्य करना सिखाता है। धर्म हमारे जीवन को मानवीय स्पर्श प्रदान करता है और यह हमें नैतिक और सहनशीलता वाले सिद्धांत सिखाता है। आतंकवाद हिंसा, अफरा तफरी, संदेह, जुल्म, हानी और समाज में कत्लेआम की प्रवृत्ति पैदा करता है। यह एक वैश्विक समस्या बन चुका है। ऐसा विकसित तकनीक के कारण हुआ जिसका अच्छे प्रयोजनों या बुरे प्रयोजनों दोनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। मगर अब जो निर्दोष लोगों को मारने के लिए आतंकवादियों द्वारा प्रयोग किया जा रहा है जो कि पूरी तरह गलत और धर्म विरुद्ध तथा मानवता विरोधी है।

अमेरिका में 9/11 हमले : सितंबर 11 के हमलों को अमेरिका में इस्लामिक आतंकवादी ग्रुप की सहायता से 19  आतंकवादियों द्वारा 2001 में एयरलाइंस हाईजैक और आत्मघाती हमले की श्रंखला 9/11 हमले भी कहा गया है। जिन्होंने यूएसए इतिहास में अमेरिकियों पर हमले बोले इन हमलों में 4 जहाजों का अपहरण जिनमें से तीन का अमरीका के महत्वपूर्ण स्थानों पर हमले के लिए इस्तेमाल किया गया। आतंकवादी सऊदी अरब से संबंधित थे जो अमेरिका में पूरी तरह से सेटल थे और उन्होंने वहां कमर्शियल फ्लाइट प्रशिक्षण भी प्राप्त किया था। 2001 में अमेरिकी बलों द्वारा सभी 19  हाईजैकर मारे गए। बिन लादेन भी मारा गया और मोहम्मद को 2003 में पकड़ लिया गया।

अबू वाजिद अली मसरी जो 1980 और 1990 में अफगानिस्तान में बिन लादेन का सहायक था ने बताया कि इन हमलों से कई वर्ष पहले बिन लादेन की सोच थी कि अमेरिका कमजोर पड़ चुका है।

अमेरिका की प्रतिक्रिया : साईं 7: 00 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश जो हमलों के समय फ्लोरिडा में थे सुरक्षा कारणों से व्हाइट हाउस  लौट आए इसी बीच अमरीका के अंदर सुरक्षा उपाय विशेषकर एयरपोर्ट पर खड़े कर दिए गए थे. कांग्रेसी ने तुरंत यूएसए पैरिटयॉट एक्ट पारित कर दिया था। एक कैबिनेट स्तरीय विभाग बना दिया गया था। रात्रि 9: 00 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने ओवल कार्यालय से एक टेलीविजन संबोधन में घोषणा करते हुए कहा आतंकवादी हमले हमारी बड़ी इमारतों की नींव को तो हिला सकते हैं मगर अमेरिका की नियम को स्पर्श नहीं कर सकते आखरी अमेरिका सैनिक  प्रक्रिया के संदर्भ में उन्होंने घोषणा की कि हम उन आतंकवादियों के बीच कोई भेद नहीं करेंगे जिन्होंने इस रिश्ते को अंजाम दिया और इन्हें बंद नहीं किया।

ऑपरेशन एंड यू रिंग फ्रीडम अफगानिस्तान में तालिबान शासन को हटाने और ओसामा बिन लादेन के आतंकवादी नेटवर्क को नष्ट करने के लिए अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय प्रयास 7 अक्टूबर को शुरू हुए। 2 महीनों के भीतर अमेरिकी सैनिकों ने ऑपरेशनल पावर से तालिबान को हटा दिया था मगर युद्ध जारी रखा क्योंकि अमेरिका और गठबंधन बलों के पड़ोसी पाकिस्तान में स्थित तालिबान विद्रोह अभियान को हटाने का प्रयास किया। सितंबर 11 के हमलों के पीछे बिन लादेन बड़े सत्र पर मास्टरमाइंड बना रहा जबकि उसे अमेरिकी सेना ने एबटाबाद में उसके छुपने के स्थान पर मार डाला। जून 2011 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अफगानिस्तान से बड़े पैमाने पर सैनिकों की वापसी की घोषणा की आतंकवाद हर क्षेत्र में मानवता का दुश्मन है और यह अति निंदनीय है।

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