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Nelson Mandela story in Hindi

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हमारा आचरण ही बनाता है आने वाली पीढ़ियों का चरित्र – Nelson Mandela story in Hindi 

नेल्सन मंडेला के पिता गेडला हैनरी मवेसो गांव के मुखिया थे। मुखिया का पद उन्हें दिलाबू के राजा से मिला था। इस पद को ब्रिटिश शासन से सिफारिश प्राप्त थी जिसके कारण वह स्थानीय दंडाधिकारी थे। यह अधिकार काप्रयोगवह निष्पक्ष भाव से करते थे। न्यायप्रियता की चर्चा उन्हें गर्ववान्वित करती थी। सरकारी नियुक्ति के कारण गुजरा भत्ते के साथ स्थानीय कर का एक छोटा हिस्सा भी उन्हें मिलता था। शासकीय व्यवस्था में राजा और मुखिया के बीच एक मैजिस्ट्रेट होता था।

एक दिन एक पशु पालक ने मैजिस्ट्रेट के यहाँ बैल चोरी होने की शिकायत की। मैजिस्ट्रेट ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए मंडेला के पिता को समन भेजा। मंडेला के पिता ने उपस्थित होने से इंकार करते हुए जवाब दिया कि मैजिस्ट्रेट को स मन देने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह मुकद्दमा पहले उनके पास आना चाहिए। इस जवाब से मैजिस्ट्रेट तिलमिला उठा।

उसने अवज्ञा का आरोप लगाकर बिना किसी हस्तक्षेप या जांच के मुखिया का पद समाप्त कर दिया। अचानक उनके पिता की आय के साथ मान-सम्मान भी बढ़ता जा रहा है। विवश होकर परिवार वहां से दूर कूनू कहलाया गाँव में जाकर रहना।

‘नेल्सन मंडेला उस समय इन बातों से अंजान थे। बड़े होने पर उन्हें इस घटना की जानकारी हुई तो उनमें गोरों के अत्याचार से लड़ने वाले विचारों ने जन्म लिया था। इस घटना का उन पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि सत्ता में आने के बर भी वह सदाचारी और न्यायप्रिय बन गया।

दूसरी बार दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति नबनने और सत्ता से संन्यास लेने की घोषणा पर भी इस घटना का असर था। इस प्रकार जन्म के कुछ दिनों बाद घटी एक घटना, उस पर पिता की सम्भावना और उनका आचरण नेल्सन मंडेला के चरित्र को गढ़नेवाले प्रमुख कारक रहा।ध्यान होने हमारा आचरण ही आने वाली पीढ़ियों का चरित्र बनाता है।

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