Hindi Kavita on Mother हिंदी कविता
माँ बिना जीवन है अधूरा
खाली खाली सूना सूना
खाना पहले हमें है खिलाती
वाद में खुद है खाती
हमारी ख़ुशी में खुश है हो जाती
दुख में हमारे आंसू ना बहाती
कितने खुशनसीब हैं हम
पास हमारे हैं माँ
होते बदनसीब हैं वो
जिनेक पास न होती माँ
Short Poem on Mother in Hindi
घुटनों पर रेंगते रेंगते हुए
न जाने कब खड़ा हुआ
तेरी ममता की आंच में न जाने
में कब बड़ा हुआ
काला टीका दूध मलाई
आज भी सब कुछ वैसा है
में ही में हूँ हर जगह
ये प्यार तेरा कैसा है
सीधा साधा भोला भाला
में ही सबसे अच्छा हूं
कितना भी हो जाऊं बड़ा
हे माँ में तो तेरे लिए अभी
भी बच्चा हूं
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