Poem on House in Hindi घर पर कविता (Bachon Ki Kavita)
इतिनी अच्छी जगह न कोई,
है सारे संसार में ।
खो जाते हम जहां पहुंचकर
माँ की ममता प्यार में।
सारी दुनिया बहुत बड़ी है,
किन्तु अपना छोटा सा घर।
नहीं भूलता कभी किसी को ,
लगता है सबको सुंदर।
अच्छा लगता है जग जग सारा ,
सैर सपाटा करने पर।
किन्तु सभी सबसे प्यारा
लगता अपना घर
लेखक – बाबू लाल शर्मा प्रेम – धन्यवाद
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