Kite information संसार के विभिन्न देशों में पतंग उड़ाने के लिए विभन्न तिथियां और समय निश्चित हैं स्टूवार्ट कुलीन ने अपनी पुस्तक कोरियाई खेलों में पतंगों को उड़ाने का समय वर्ष के पहले महीने का पूर्वार्ध लिखा है इसी माह के 14 वें दिन विशेष रूप से पतंग उड़ाई जाती है। इस हिसाब से दूसरे शब्दों में यूं कहा जा सकता है 14 जनवरी पतंग उड़ाने का दिन होता है। इसी दिन पतंगोंके साथ अपनी इच्छाएं भी उड़ाई जाती है।
जापान में नववर्ष के प्रथम दिन विशेष रूप से पतंग उड़ाई जाती है जापानी लोग इसे ऑक्टोपस कहते हैं नागासाकी में तीसरे, दसवें, 15 वें तथा 25 वे दिन मार्च महीने में पतंग उड़ाई जाती है जहां पर किसी लड़के से पतंग छीनना अपशुगन माना जाता है। परंपरागत चर्चाओं के अनुसार यहाँ के लोगों का विशवास है के पतंग खोने वाला लड़का कुछ दिनों बाद मर जाता है।
हांगकांग में ग्रीषम के अंत में 9 वे माह में 9 वां दिन इसके लिए विशेष त्योहार के रूप में मनाया जाता है जैसे हमारे भारत देश में भी गंगा दशहरा से मकर
संक्रांति तक पतंग उड़ाने का कार्यक्रम कहीं न कहीं निरंतर चलता रहता है। स्याम देश वर्तमान देश थाईलैंड में राजा के पास एक विशेष प्रकार से बनाई पतंग रहती है जो शाम को उड़ा दी जाती थी और वह रातभर उड़ा करती थी और सुबह उसे उतार लिया जाता था। यह पतंग एक प्रकार से राजा की आत्मा का प्रतीक समझी जाती थी।
प्रहरी के रूप में रातभर उड़ती रहती और सुबह उसके जागते ही उसे उतार कर यथस्थान रख दिया जाता था इसी तरह पतंगे उड़ाने का शौंक व रिवाज धीरे धीरे फिजी दीप समूह, पॉलिजीशिया, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड दीप समूह में फ़ैल गया इसका विस्तृत वर्णन हेडेन नामक लेखक ने अपनी एक पुस्कत में किया है हमारे देश में पतंग उड़ाने का प्रचलन 15 वीं शताब्दी से ही माना जाता है। इसके पूर्व 14 वीं शताब्दी तक हमारे देश में इसका उल्लेख नहीं मिलता। (अदिति)
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