Sun Story in Hindi – जब दुनिया बनी तो उस समय चांद सितारे नहीं थे अकेला सूरज आकाश में चमकता था। वह कभी छिपता न था लोग न रात का नाम जानते थे और न ही समय का कुछ पता चलता था बस जिधर भी देखो धूप ही धूप दिखाई देती थी।
एक दिन सूरज धरती पर उतर आया उसने देखा के एक किसान अपने खेत में जुताई कर रहा है उसका बदन पसीने से भीगा हुआ था।
सूरज ने पूछा ” भाई तुमने खेत में बूआई कब की थी
किसान बोला “मैंने तो अभी की है
तुम ने बगल वाले खेत में कब बीज डाले थे ? सूरज ने फिर किसान से पूछा
किसान बोला अभी
सूरज ने फिर सवाल किया अच्छा तो तुमने उन 3 खेतों की बूआई कब की थी ?
किसान बोला “मैंने तीनों खेतों की बूआई अभी की है।
यह सुनकर सूरज असमंजस में पड़ गया आखिर ऐसा क्यां था ?
उसने फिर सवाल किया के आखिर तुमने आज का खाना कब खाया ?
अभी भी वही जवाब मिला
और इससे पहले का खाना कब खाया ?
उतर फिर वहीँ मिला अभी खाया
सूरज परेशान था अभी अभी की पहेली उसे उलझन में डाल रही थी
वह फिर बोला भाई तुम मुझे यह बताओ के तुम किस वक्त काम करते हो किस वक्त आराम करते हो ?
किसान जोर से हंसा और बोला में अभी काम करता हूं और अभी आराम करता हूं मेरे लिए अभी के सिबाये और कोई समय नहीं है। तो तुम्ही बताओ में कब आराम करूँ कब काम करूँ मेरे लिए तो अभी ही अब है मुझे कब का तो पता ही नहीं है
सूरज ने सोचा मुझे कोई और प्रबंध करना पड़ेगा नहीं तो बेचारा आदमी कभी आराम ही नहीं कर पायेगा।
सूरज ने किसान से कहा भाई में रात का निर्माण करता हूं अब से तुम रात में आराम से सो सकोगे
लेकिन मुझे तो पता ही नहीं रात क्या होती है ? यह शब्द मेरे लिए एक पहेली है किसान ने कहा
तुम्हे सब मालूम हो जाएगा यह कहकर सूरज वहां से चला गया
इसके बाद सूरज शाम को छिपने लगा अँधेरा होने पर आदमी आराम करने लगा किन्तु कुछ समय के बाद मनुष्य के सामने एक परेशानी आई अँधेरे में वह गड्डों में गिर जाता पेड़ों से टकरा जाता उसके पास रौशनी पाने का कोई अन्य तरीका नहीं था।
एक दिन सूरज ने किसान से पूछा भाई अब तो तुम्हे पता चल गया बस प्रकाश के समय काम करो अँधेरे में आराम जब रौशनी हो तभी खेतीबाड़ी का काम करो।
किसान ने कहा भाई मेरी समझ में बहुत सी बातें आ गयीं किन्तु मुझे यह भी बताओ के में समय को किस तरह बाँट सकता हूं ?
रात होने से पहले जो समय होगा उसे आज कहो रात के बाद दिन उसे कल कहो सूरज ने बोला।
इसी बीच सूरज ने किसान को मौसम के बारे में भी बताया। अब मनुष्य के सामने अँधेरा एक समस्या थी वह नहीं समझ पा रहा था के वह अँधेरे में कैसे देखें ?
उसने अपनी समस्या से सूरज को अवगत करवाया
सूरज बोला अच्छा में तुम्हारी यह समस्या भी दूर करता हूं अब से रात को आकाश में तारे चमका करेंगे चाँद से तुम्हे हल्की रोशनी मिलती रहेगी तभी से रात को चाँद और तारे चमकने लगे आकाश में
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