आत्म सम्मान होता है सबका
छोटे का भी और बड़े बूढ़े का भी
अहं भी होता है हर एक का
हर मनुष्य का अपना अपना
उचित नहीं कभी किसी का
अपमान करना, नीचा दिखाना
किसी भांति, किसी बहाने कभी
किसी का जाने अनजाने दिल दुखाना
चुभती हुई कोई बात कह देना
अथवा व्यंग्य बाण चलाना
आवशयक है कड़वी बातों को
क्षमा कर देना और भूल जाना। – ओम प्रकाश बजाज
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