Teacher Day Essay in Hindi : Shikshak Diwas par Nibandh
अध्यापक दिवस हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। सदियों से ही हमारे समाज में गुरु का एक महत्वपूर्ण और सम्मानपूर्ण योगदान रहा है। कबीर जैसे संतों ने तो गुरु को भगवान से भी उपर का दर्जा दिया है। पुराने समयों में शिष्य गुरु के पास आश्रम में रहकर विद्द्या प्राप्त करते थे वे उनके पास रहकर अपने गुरु की सेवा करते और शिक्षा प्राप्त करते थे। शिक्षा सम्पूर्ण होने पर वह उन्हें दक्षिणा देते थे। भारत में हज़ारों वर्षों तक आश्रम में शिक्षा प्राप्त करने की परंपरा चली है।
जैसे जैसे समय बीतता गया शिक्षा प्रणाली में भी परिवर्तन आते चले गए। आज के समय में शिक्षा पाठशालाओं में दी जाती है। । एक सफल शिक्षक वहीँ है जो सहनशीलता और सकारात्मक सोच रखता हो। भारत में अध्यापक को सम्मान देने की प्रथा आज भी प्रचलित है इसी भावना को मुख्य रखते हुए शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस जा टीचर डे शिक्षकों को गरिमा प्रदान करने वाला दिन होता है।
हमारे पूर्व राष्ट्रपति डा राधाकृष्णन का जन्म दिन शिक्षक दिवस (Teacher Day) के रूप में हर वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। वे आज़ाद भारत के राष्ट्रपति तो है ही थे वह मुख्य रूप से दर्शन शास्त्र के शिक्षक भी थे।
शिक्षक अपने शिष्यों को अच्छे -बुरे की समझ प्रदान करके उनके लिए ज्ञान का नेत्र खोलते हैं उनके मन के अज्ञान को नष्ट करते हैं। इसीलिए कहा गया है के शिक्षक एक मोमबती की तरह होता है जो खुद जलकर दूसरों को रोशन करता है।
स्कूल , कॉलेज में शिक्षक दिवस अलग -अलग ढंगों से मनाया जाता है इस दिन विशेष प्रोग्राम आयोजित किये जाते हैं। शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर बच्चे अपने अध्यापकों को सुंदर -सुंदर फूल देकर उनके प्रति सम्मान की भावना को प्रगट करते हैं। इसके इलावा तरह -तरह के कार्ड बनाकर उन पर अच्छे -अच्छे विचार लिखकर अपने अध्यापकों को भेंट करते हैं। इसी प्रकार अध्यापक दिवस देशभर के सभी विश्व विद्द्यलों में श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस (Teacher Day) हमें यहीं शिक्षा देता है के हमें अपने शिक्षकों और गुरुओं का सम्मान करना चाहिए और साथ ही वह शिक्षकों को उनके कर्तव्यों की याद भी दिलाता है।
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