Bijli kaise girti hai -दरअसल मानसून के दिनों में आकाश में बादलों की भीड़ जमा हो जाती है और ये तेज़ हवा के कारण इधर -उधर उड़ते रहते हैं और जब इनसे विपरीत एनर्जी वाले बादल एक दूसरे से टकराते हैं तो जिससे इनके आपस में टकराने की आवाज़ हमें सुनाई देती है जिसे बादलों का गरजना कहते हैं टकराने पर जो घर्षण पैदा होता है उनसे तेज़ और चमकदार बिजली पैदा होती है और कई बार यही बिजली धरती पर आ गिरती है। जिस भी चीज़ पर ये गिरती है ये उसे क्षतिग्रस्त कर देती है। क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की है के ये आसमानी बिजली आखिर धरती पर कैसे आ जाती है यदि आप नहीं जानते तो इस पोस्ट को पढ़ते रहें –
बिजली आखिर गिरती क्यों है ?
दरअसल आकाश में बादलों का हवा के वेग से एक दूसरे से विरोधी दिशा में जाते हुए टकरा जाना जिससे घर्षण पैदा होता है। घर्षण से विद्युत् पैदा होती है धरती पर पहुंचती है। आकाश में बादलों के बीच किसी तरह का कंडक्टर न होने के कारण बादलों में उतपन्न हुई बिजली जमीन पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है ।
धरती पर पहुंचने के पश्चात असामानी बिजली को कंडक्टर की आवश्यकता पड़ती है जब जे बिजली लोहे के खंभों के अगल -बगल से गुजरती है तो वे कंडक्टर का कार्य करती है उसी वक्त यदि कोई चीज़ इसके संपर्क में आ जाती है तो ये उसे काफी नुकसान पहुंचाती है।
आसमानी बिजली मनुष्य के शरीर पर गिरने से बहुत बुरा प्रभाव डालती है जिससे शरीर के टिशू डैमेज हो जाते हैं और इसके साथ ही ये शरीर के नर्वस सिस्टम पर भी बुरा असर डालती है। इसके इलावा इसके प्रभाव से आदमी को हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।
कैसे बचें आसमानी बिजली –
- बिजली के चमकते वक्त नंगे पांव जमीन पर खड़े नहीं होना चाहिए।
- इस दौरान पेड़ों से दूर रहें।
- बिजली के उपकरणों से दूरी बनाकर रखें।
- इस समय मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करें।
मजेदार जानकारियां –
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