Speech on Raksha Bandhan in Hindi (Essay) भगवान की तरफ से दिया गया अनमोल तोहफा है भाई बहन का रिश्ता लाड़ प्यार से भरा खट्टी मीठी नोक-झोंक से लेकर रूठने-मनाने की चासनी में लिपटा हुआ यह सतरंगी रिश्ता अपने आप में कितनी ही उजली यादें ता -उम्र समेटता चला जाता है। त्योहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर को आज तक समेटे हुए हैं तभी तो इनके माध्यम से हम रिश्तो की गहराई महसूस कर पाते हैं सदियों से मनाया जाने वाला रक्षाबंधन भाई-बहन के स्नेह और ममता की डोर में बंधा ऐसा त्यौहार है जिसे आज भी दोनों शिद्दत से मनाते हैं कभी बचपन की चंचलता कभी हर बात में शरारत कभी बातों में बड़प्पन तो कभी बड़े भाई का पिता की कमी को पूरा करने का प्रयास कभी बड़ी बहन का मां की जगह ले लेना कितनी ही बातें हैं जो भाई-बहन के दिल में छुपे प्रेम-स्नेह और दुलार के भावों को दर्शाती है।
देखा जाए तो भाई बहन का रिश्ता ही ऐसा रिश्ता है जो खुद में अनेक रिश्ते को समेटे हुए चलता है कभी दोनों दोस्तों की तरह अपने हर रोज को एक दूसरे से सांझा करते हैं तो मां और पिता से अपनी कोई फरमाइश पूरी करवाने से लेकर डांट से बचाने तक वह किसी हमदर्द की तरह एक साथ खड़े हो जाते हैं किसी क्षेत्र में नाम कराना हो तो भाई-बहन की जोड़ी सुपर -डुपर हिट नहीं मानी जाती है।
Rakhi Essay in Hindi :
किसी शिक्षक की तरह एक दूसरे को सही राह दिखाते हुए समझाते भी है और माता-पिता में से किसी एक के ना होने पर उनकी जगह खड़े हो जाते हैं एक बहन को जितना भरोसा अपने भाई पर होता है उतना किसी और पर नहीं होता इसी प्रकार एक भाई को जितना भरोसा अपनी बहन से होता है उतना दुनिया में किसी और से हो ही नहीं सकता।
जितना भाई-बहन एक दूसरे से झगड़ते हैं उतना तो वह ना किसी और रिश्ते से और ना ही दोस्तों से लड़ते हैं दोनों के झगड़े में सबसे ज्यादा मुश्किल में माता-पिता ही फंसते हैं कि आखिर वह किसका साथ दें दोनों ही उन्हें प्यारे हैं और दोनों ही अपनी तरफ का समर्थन चाहते हैं फिर भी यह तो तय है कि बड़े से बड़े झगड़े के बाद दोनों एक हो जाते हैं और दिलों में कड़वाहट की जगह प्यार की धारा बहने लगती है।
बढ़ता है प्यार:
ऐसी ही नोकझोंक तकरार और शरारतों से ही उन का प्यार बढ़ता है और यह रिश्ता संभलता है सालों बाद भी यादों के पिटारे से कितनी ही बातें निकल कर उन्हें गुदगुदा ती भी है हंसाती भी है और रुलाती भी है दोनों में से कोई नहीं चाहता कि उनके सुनहरे रिश्ते की यादें कभी धुंधली पड़े तभी तो आज भी मां की जुबान पर मामा से जुड़ी कितनी ही यादों के किस्से सुनने को मिल जाते हैं और नानी भी अक्सर रक्षाबंधन पर अपने भाई की बातें सुनाने बैठ जाती है।
बदलते समय का असर :
आज की तेज रफ्तार जिंदगी का असर इस स्नेह भरे रिश्ते पर भी देखने को मिलने लगा है आज मीलों लंबे रास्ते पलभर में तय करने आसान है परंतु दिलों के फासलों को मिटाना उतना आसान नहीं रह गया है फिर भी इस रिश्ते में वह कशिश है कि मुश्किल पलों में भाई – बहन एक दूसरे के पास पहुंचने को लालायित हो उठते हैं।
रिश्ते कानूनी एक्ट नहीं :
भले ही आज कानून की दखलंदाजी ने बहन को भी पिता की संपत्ति का वारिस बना दिया है जिससे कहीं कहीं दोनों के रिश्ते में खटास भी देखने को मिलती है भाई – बहन के प्रति मन में ईर्ष्या का भाव रखने लगा है तथा उसे कुछ नहीं देना चाहता परंतु रिश्ते कानूनी एक्ट नहीं होते जो तर्क जा दलीलों से चलते हो या जिसमें किसी तीसरे का हस्तक्षेप हो रिश्ते तो भावनाओं का संगम होते हैं जो एक दूसरे को सहारा देते हैं।
ऐसे बांधी भाई को राखी :
- प्रात: सुबह स्नान से निर्मित हो जाएं।
- अब दिन भर में किसी भी शुभ मुहूर्त में घर में ही किसी पवित्र स्थान को गोबर से लीप दें।
- लिखे हुए स्थान पर स्वास्तिक बनाएं तथा उस पर तांबे का पवित्र जल से भरा हुआ कलश रखें।
- कलश में आम के पत्ते हिलाते हुए जमा दें तथा उन पत्तों पर नारियल रखें
- कलश के दोनों ओर कलश बिछा दें एक भाई के और दूसरा स्वयं बैठने के लिए।
- अब भाई बहन कलश को बीच में रख आमने सामने बैठ जाए।
- इसके पश्चात कलश की पूजा करें फिर भाई के दाएं हाथ में नारियल रखें
- और अब भाई को अक्षत सहित तिलक करें इसके बाद बाई की दाई कलाई पर राखी बांधे।
- इसके पश्चात भाई को मिठाई खिलाएं आरती उतारें और उसकी तरक्की और खुशहाली की कामना करें।
- यदि संभव हो तो इस अवसर पर अपने भाई को भी कोई उपहार दे।
- यदि भाई आपसे उम्र में बड़ा हो तो भाई के चरण स्पर्श करें और यदि बहन उम्र में बड़ी हो तो भाई राखी बांधने के पश्चात बहन के चरण छूकर आशीर्वाद प्राप्त करें।
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