Jodo ka Dard ka Ilaj in Hindi जोड़ों का दर्द का इलाज
बड़े शहरों में जोड़ों का दर्द आम समस्या बनती जा रही है। पहले तो जोड़ों का दर्द बढती आयु के साथ ही बढ़ता था पर आजकल जोड़ों का दर्द किसी भी आयु में परेशानी बढ़ा सकता है। बड़े शहर का रहन – सहन वहां का वातावरण मल्टीस्टोरीज बिल्डिंगज, तनाव भरी जिंदगी, खानपान सभी कारण बनते हैं इस समस्या को समझकर और लाइफस्टाइल बदल कर काबू पाया जा सकता है अपने जोड़ों पर अतिरिक्त बोझ ना डालें ना ही जोड़ों से अधिक काम ले।
जोड़ अधिक तनावग्रस हो जाएंगे और दर्द बढ़ जाएगा। घुटनों , कोहनी और कलाई के जोड़ों के लिए नि कैप्स , रिस्ट बैंड और एल्वो बैंड लें और उनका प्रयोग आवश्यकता अनुसार करें।
व्यायाम नियमित करें। व्यायाम दर्द को दूर करके जोड़ों के मूवमेंट के दायरे को बढ़ाता है और थकान भी कम महसूस होती है। व्यायाम जोड़ों व मासपेशियों का लचीलापन बढाता है और सहन शक्ति भी बढती है। मांसपेशियां भी मजबूत बनती है।
अपने वजन पर नियंत्रण रखें। अधिक वजन आपके घुटनों और हिप्स पर अधिक बोझ डालता है जिससे जोड़ों पर कुप्रभाव पड़ता है। अधिक वजन से आपका व्यक्तित्व भी खराब होने लगता है। कम वजन आपके व्यक्तित्व को चार चाँद लगा देता है जिससे जोड़ों की समस्याओं से कम जूझना पड़ता है। अधिक वजन का अर्थ है जोड़ों से अधिक दर्द का होना।
ध्रूमपान से जोड़ों के दर्द में वृद्धि होती है और ओस्टियोपोरोसिस को बढ़ावा मिलता है। अगर कभी आपको कोई भी जोड़ों की सर्जरी करवानी पडती है तो उसकी रिकवरी में ज्यादा समय लगता है और नींद न आने की समस्या भी बढती है। अत: धुम्रपान न करें।
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