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Poem on Picnic in Hindi पिकनिक पर कविता

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Picnic

 

Poem on Picnic in Hindi पिकनिक पर कविता

बंदर मामा बंदर मामा
पहने कुर्ता और पजामा
गए मनाने थे पिकनिक
रास्ते में हो गयी झिक -झिक
कालू कुत्ता सोया था
सपनों में वह खोया था
बंदर मामा का जब पैर पड़ा
कुत्ता फौरन हुआ खड़ा
खूब दूर तक दौड़ाया
बंदर मामा का सर चकराया
कुत्ता भोला भौं … भौं
मामा बोले खों … खों।

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