Punjabi Moral stories Punjabi stories for Kids kahani
बहुत समय पहले की बात है। एक राजा को एक किसान ने बाज के दो सुंदर बच्चे उपहार में दिए। बाज के बच्चे सुंदर होने की वजय से राजा को अच्छे लगे और उसने उनकी देखभाल के लिए एक बड़े ही निपुन आदमी को नियुक्त किया।

समय बीतता गया एक दिन राजा के मन में उन दो बाज के बच्चों को देखने का मन हुआ जो अब तक बड़े हो चुके थे। राजा ने देखा के बच्चे पहले से बड़े और आकर्षिक हो चुके हैं। राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे आदमी से कहा के वह उनकी उड़ान देखना चाहता है।
आदमी के इशारा करते ही दोनों बाज आकाश में उड़ने लगे पर जहां एक अकाश की ऊचाइयों को छू रहा था वहीँ दूसरी तरफ दूसरा कुछ देर ऊपर उड़ने के बाद उसी डाल पर आकर बैठ गया यहां से वो उड़ा था। ये देखते ही राजा को हैरानी हुई और मन ही मन सोचने लगा ये क्या बात हुई यहां एक बाज इतनी ऊंचाई पर उड़ रहा है वहीँ दूसरा बाज डाल पर आकर बैठ गया।
राजा ने जैसे ही बाजों की देखभाल करने वाले व्यक्ति से पूछा तो उसने बताया ‘हजूर इस बाज के साथ बचपन से ही यही समस्या है। वह इस डाल को छोड़ता ही नहीं है। राजा को दोनों बाज प्रिय थे वे दूसरे बाज को भी आकाश में ऊंची -ऊंची उड़ान भरता हुआ देखना चाहता था। अगले दिन उसने पूरे राज्य में ऐलान करवा दिया के जो व्यक्ति इस बाज को आकाश में ऊंचा उड़ाने में कामयाब हुआ उसे मुंह मांगा इनाम दिया जाएगा।
फिर क्या था बाज को उड़ाने के लिए एक से एक बेहतर विशेषज्ञ आये और बाज को ऊपर उड़ाने की कोशिश में लग गए पर कठोर परिश्रम करने के बाद भी वह असफल रहे बाज का हाल अब भी पहले जैसा ही था। वे कुछ देर के लिए ऊपर उड़ता किन्तु जल्दी ही आकर डाल पर आकर बैठ जाता।.
कुछ दिनों के बाद अनोखा देखने को मिला राजा ने देखा के आकाश में दोनों बाज उड़ रहे हैं राजा को ये देख यकीन नहीं हो रहा था और उसने तुरंत उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा जिसने ये कारनामा कर दिखाया है।
वे एक किसान था अगले दिन उसे राजा के दरवार में पेश किया गया राजा ने खुश होकर किसान को बहुत सारा धन और सोने की मुद्राएं देने के बाद राजा ने किसान से बोला में तुम्हारे काम से बहुत खुश हूं, बस तुम्ह यह बताओ के तुमने यह कार्य किया कैसे ? जो इसे बड़े -बड़े विद्द्वान नहीं कर पाए।
किसान बोला “हजूर में एक साधारण सा किसान हूं में पढ़ा लिखा तो नहीं हूं मैंने तो बस वहीँ डाल को काट दिया था जिस पर बैठने का बाज आदी हो चुका था और जब वह डाल ही नहीं रही तो बाज भी अपने मित्र बाज के साथ आकाश में ऊपर उड़ने लगा।
शिक्षा – मित्रो हम सब ऊंचा उड़ने के लिए ही बने हैं होता ऐसा है के जो हम कर रहे होते हैं हम उसके आदी हो जाते हैं हमें उसकी लत सी लग जाती है और अपनी काबलियत को भूल बैठते हैं और हम इससे आगे के बारे में सोचते ही नहीं के हम इससे ऊपर भी उड़ सकते हैं। एक बार जरूर ध्यान दीजिये के कहीं आपको भी उस डाल को काटने की जरूरत तो नहीं जिस पर आप बैठे हुए हैं ?
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