New moral story in Hindi : पुराने समय की बात है एक गांव में एक कुम्हार (potter) रहा करता था वह अपना गुजारा मिट्टी के बर्तन और खिलौने (toys) बनाकर करता था और इन बर्तन और खिलोनों को वह शहर (city) में जाकर बेच आया करता था करता था और उसका गुजारा चल जाता था। एक दिन उसकी पत्नी (wife) ने कहा ये मिट्टी (soil) के खिलौने और बर्तन बनाना बंद करो और शहर जाकर कोई नौकरी ही कर लो क्योंकि इन से हमारा गुजारा नहीं चलेगा, कोई काम धंधा करोगे तो कुछ पैसे आएंगे किन्तु कुम्हार को बर्तन और खिलौने बनाना अच्छा लगता था वह यह काम छोड़ना नहीं चाहता था किन्तु उसकी पत्नी के वार – वार कहने पर वह शहर में काम ढूँढने के लिए चला गया। शहर में उसे काम मिल गया पर उसका ध्यान अभी भी बर्तन और मिट्टी के खिलौनों में ही लगा रहता था।
इसी तरह समय बीतता गया एक दिन शहर में यहां वह कुम्हार (potter) काम किया करता था उस सेठ के घर पर बच्चे का जन्मदिन (birthday) मनाना था पार्टी रखी गयी थी सब महंगे महंगे तोहफे (gifts) लेकर आये कुम्हार ने सोचा क्यों ना मैं भी एक मिट्टी का खिलौना बनाकर उस बच्चे (child) को भेंट कर दूं वैसे भी हम गरीबों को तोहफा कौन देखता है यह सोचकर वह एक मिट्टी का खिलौना ले गया।
जब पार्टी खत्म हुई तो उस मालिक के बेटे और जो भी बच्चे वहां आए थे सभी को वह खिलौने बहुत ज्यादा पसंद आया और सब जिद्द करने लगे कि उनको वैसा ही खिलौना चाहिए सब एक दूसरे से पूछने लगे यह इतना सुंदर और शानदार तोहफा कौन लेकर आया है तब किसी ने कहा यह तोहफा आपका नौकर (servant) लेकर आया है सब हैरान थे पर बच्चों के लिए मालिक ने उस कुम्हार को वहां बुलाया और पूछा तुम यह खिलौना कहां से लेकर आए हो इतना महंगा तोहफा तुम कहां से लाए कुम्हार यह बातें सुनकर हंसने (laughing) लगा और बोला माफ कीजिए मालिक कोई महंगा तोहफा नहीं है जे मैंने खुद बनाया है गांव (village) में यही बनाकर मैं गुजारा करता था लेकिन उसे घर (home) नहीं चलता था इसीलिए आपके जहां नौकरी करने आया हूं मालिक सुनकर हैरान हो गया और बोला क्या तुम मुझे खिलौने अभी और बना सकते हो बाकी बच्चों के लिए कुम्हार खुश (happy) हो गया और बोला हां मालिक उसने सभी के लिए शानदार रंग-बिरंगे खिलौने बना कर दिए
यह देख मालिक ने सोचा क्यों ना मैं इन खिलौनों का ही व्यापार करूं और शहर में बेचूं यही सोच कर उसने कुम्हार को खिलौने बनाने के काम पर ही लगा दिया और बदले में हर महीने अच्छी तनख्वाह (salary) और रहने का घर भी दे दिया, कुम्हार और उसका परिवार (family) भी बहुत खुश हो गया और कुम्हार को उसके पसंद का काम भी मिल गया दोस्तों इस कहानी का मूल अर्थ यह है कि हुनर हर किसी पास है इंसान कभी भी किसी भी परिस्थिति (situation) में उस हुनर से अपना जीवन सुख (happiness) से जी सकता है और संसार में नाम कमा सकता है अगर आपके पास भी ऐसा कोई हुनर है तो प्रस्तुत करिए उसे दुनिया के सामने
जल को बर्फ (ICE) में बदलने में समय लगता है सूर्य को निकलने में समय लगता है किस्मत किस्मत को तो हम बदल नहीं सकते लेकिन अपने हौसलों से किस्मत बदलने में समय (TIME) लगता है। जिंदगी (life) बहुत हसीन है कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है लेकिन लेकिन जो जिंदगी की भीड़ में खुश रहता है जिंदगी उसी के आगे सिर झुकाती हैं दोस्तों यदि आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो हमें कमेंट करके अपने विचार जरूर बताएं और इस कहानी को शेयर करना मत भूलिए धन्यवाद
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