Two Frogs Moral Story Hindi : दो मेंढकों की कहानी
एक समय की बात है के एक तलाब में दो मेंढक रहते थे जिनमें से एक मेंढक बहुत पतला था और दूसरा वाला बहुत मोटा। एक दिन दोनों मेंढकों को बहुत जोर की भूख लगी थी ढूंढते ढूंढते वह एक घर में जा घुसे और वहां उन्होंने दूध का एक बड़ा सा कटोरा देखा जिसके किनारे चिकने थे दोनों मेंढक दूध पीने के लालच में कटोरे में जा गिरे अब व उसमें से बाहर नहीं निकल पा रहे थे।
मोटा मेंढक तो काफी देर तक दूध में पैर चलाते चलाते थक चुका था उसने तो हार मान ली थी किन्तु पतला मेंढक अब भी बाहर निकलने के लिए दूध में कूद रहा था। किन्तु मोटा मेंढक तो हिम्मत हार चुका था अंत उसने तैरना बंद कर दिया और वह डूब कर मर गया।
दूसरी ओर पतले मेंढक ने हार नहीं मानी थी और वह कटोरे में कूदता रहा कुछ देर बाद उसने महसूस किया के उसके कूदने की वजय से दूध का मखन बन रहा है वह अब पहले से भी ज्यादा तेज़ी से दूध में कूदने लगा अब दूध से काफी मखन बन गया था जिस कारण पैरों के नीचे की जगह ठोस बन गयी थी उसी की मदद से मेंढक ने कटोरे से बाहर छलांग लगा दी। अंत उसकी जान बच गयी उसे अपने मित्र की मौत का बहुत अफ़सोस हुआ काश वह कुछ समय के लिए संघर्ष करता तो उसकी भी जान बच जाती।
तो मित्रो इस कहानी से हमें प्रेरणा मिलती है के मुश्किलें हर इंसान की जिंदगी में आती हैं यकीन मानिये मुश्किल चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो यदि आप हिम्मत ना हारें तो मुश्किल से जरूर बाहर निकला जा सकता है। इसीलिए कभी भी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए हमें मुश्किलों का डट कर सामना करना चाहिए।
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