Monkey story in Hindi – पिंकू बंदर की शरारती से जंगल के जानवर पक्षी बहुत परेशान थे। कभी वह पेड़ों पर रहने वाले पक्षियों के घोंसले तोड़ देता तो कभी बन के जानवरों के सामान इधर-उधर छिपा देता। कभी पेड़ों के फल तोड़कर लोगों को मारता था तो कभी जानवरों के छोटे बच्चों को डरावनी आवाजों से डरता था सब को परेशान करना उसे अच्छा लगता था कई बार वन के जानवरों ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन उस पर कोई असर नहीं होता था। ![Monkey story in Hindi]()

इस साल जंगल में बहुत गर्मी पड़ रही थी जंगल के जानवर बड़े सवेरे ही अपने खाने पीने का सामान इकट्ठा कर लेते थे फिर अपने बच्चों के साथ अपने घरों में दुबक जाते थे दिन के समय में ही चारों और रात जैसा सन्नाटा छा जाता था लेकिन पिंकू बंदर उस समय भी चैन से नहीं रहता था। गर्मी के इसी दोपहरी में एक शिकारी अपने शिकार की तलाश में था वह जगह जानता था कि गर्मी से बचने के लिए सभी जानवर अपने घरों में छिपे होंगे इस समय किसी भी जानवर को पकड़ना बहुत आसान होगा शिकारी ने दूर पेड़ों की डालियों पर पिंकू बंदर को बैठा देखा मैं उसे पकड़ने की योजना बनाने लगा उसने सोचा वह पिंकू बंदर को पकड़कर किसी मदारी वाले को बेच देगा इससे उसे अच्छे पैसे मिल जाएंगे।
शिकारी धीरे-धीरे उसे पेड़ के पास पहुंच गया उसने अपने साथ लाए केले उस पेड़ के नीचे रख दिए और पास में ही छिप कर बैठ गया पिंकू बंदर ने जब केले देखे तो उसके मुंह में पानी भर आया वह झटपट पेड़ से नीचे उतरा और केले के पास पहुंच गया शिकारी तो इसी मौके की ताक में था उसने तुरंत उसके ऊपर डाल डाल दिया जब तक वह कुछ समझ पाता शिकारी ने उसे पूरी तरह कैद कर लिया।
पिंकू मदद के लिए जोर जोर से चिल्लाने लगा लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए नहीं आया कुछ जानवर उसे इस हाल में देखकर खुश भी हो रहे थे आखिर उसने सभी को परेशान कर रखा था शिकारी पिंकू बंदर को अपने साथ लेकर चल पड़ा रोते चिल्लाते उसका बुरा हाल हो गया था उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे अब उसे अपनी गलती पर पछतावा हो रहा था अगर उस उसने सब के साथ अच्छा व्यवहार किया होता तो सब उसकी मदद करते लेकिन उसने किसी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया तू कौन उसकी मदद करेगा ?
शिकारी उसे लेकर नदी किनारे पहुंचा नदी किनारे एक पेड़ से उसने पिंकू बंदर को बांध दिया शिकारी को बहुत प्यास लगी थी उसने नदी का पानी पीकर पहले अपनी प्यास बुझाई और फिर पेड़ के नीचे आराम करने के लिए लेट गया दिन की तेज गर्मी में निकलना उसे ठीक नहीं लगा वह वही शाम होने का इंतजार करने लगा पिंकू बंदर के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे थोड़ी थोड़ी देर पर वह जोर-जोर से चीखने लगता था जिस पेड़ से पिंकू बंदर को शिकारी ने बांधा था उसी पेड़ के नीचे एक बड़े से बिल में मोटू चूहा रहता था उसे पिंकू बंदर का दुख देखा नहीं गया वह बिल से निकलकर पिंकू बंदर के पास आया।
पिंकू बंदर उसे देख कर और जोर जोर से रोने लगा और उसने बोला मेरे दोस्त किसी तरह मुझे बचा ले मैं आप किसी को भी परेशान नहीं करूंगा उसे परेशान देखकर मोटू चूहा उससे बोला मैं तुम्हें छुड़ाने की पूरी कोशिश करूंगा मोटू चूहा वहां से निकलकर जंगल के दूसरे जानवरों के पास गया और उनसे पिंकू बंदर को चढ़ाने को कहा जानवरों को जब पता चला कर पिंकू बंदर को शिकारी ने पकड़ लिया है तो वह बहुत खुश हुए उन्होंने साफ मना कर दिया लेकिन जब मोटू चौहान एवं ने बताया कि पिंकू ने फिर कभी शरारत नहीं करने का वादा किया है
वह उससे मिलकर आया है वह बेचारा बहुत मुसीबत में है उसकी मदद करनी चाहिए मोटू चूहे के कहने पर सभी जानवर तैयार हो गए शिकारी पेड़ के नीचे आराम कर रहा था जब कल्लू हाथी ने जोर की चिघ्घाड लगाई सुबह उठ कर बैठ गया उसने देखा दूर जानवरों की पूरी फौज उसकी ओर दौड़ती चली आ रही है वह घबरा गया और पिंकू बंदर को वहीं छोड़कर भाग गया पिंकू बंदर को कैद से आजाद किया गया उसने वादा किया कि वह अब किसी को परेशान नहीं करेगा उसने सबसे से माफ़ी भी मांगी और फिर सब हंसते हंसते खेलते वापस लौट गए।
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