Rabbit story in Hindi – घुसपैठ हिंदी कहानी एक बहुत ही सुंदर घर था। उस घर में 6 खरगोश रहते थे। वे बहुत दयालु थे। घर में सब कुछ था खाने को, ओढ़ने को, खेलने को। खरगोश मिलजुल कर मजे में रहते थे।

एक दिन की बात है। सुबह-सुबह एक मोटा ताजा सफेद चूहा घर में आ घुसा – बोला मैं कुछ रोज आपके घर में रहना चाहता हूं।
अहो भाग्य बड़े खरगोश ने कहा अतिथि सत्कार हमारा धर्म है।
कुछ रोज तक खरगोशों ने चूहे को खूब खिलाया पिलाया उसकी खूब सेवा की थोड़े दिन बीते वह चूहा दो और चूहों को ले आया। बताने लगा यह मेरे भाई है व्यापार करते हैं तुम हमें दाना सब्जी देना हम तुम्हें कपड़े लत्ते ला कर देंगे।
बड़े खरगोश ने अपने साथियों से सलाह की।
सबसे छोटा खरगोश भी समझदार था उसने अपने कमरे में पुस्तकालय बना रखा था वहां तरह तरह की किताबें थी उसने भारत में अंग्रेजी के जाने का इतिहास पढ़ रखा था। उसे पता था कि बाद में अंग्रेज भारत पर शासन करने लगे थे अत्याचार करने लगे थे तब किस मुश्किल से भारत वासियों ने उन्हें बाहर किया था।
यह सब बातें उसने सब खरगोशों को बताई बड़े खरगोश ने कहा पहले हमेशा प्यार से काम लेना चाहिए उन्होंने चूहों से हाथ जोड़कर विनती कि अब आप अपने घर लौट जाओ मेहमानी थोड़े दिन की ही होनी चाहिए।
चूहों ने कहा अभी हमें तुम लोगों को बहुत कुछ सिखाना है तुम लोग जंगली और पिछड़े हुए हो हम यही रहेंगे।
मझले खरगोश ने अपने बाल झाड़े और बोला हम लोग जिस हाल में हैं ठीक है हमारा घर खाली करो।
तीनों ही चूहों के लंबे लंबे तीखे दांत थे वे सभी खरगोशों को घायल करने लगे उन्हें आपस में मिलने नहीं देते अलग अलग कमरों में बंद भी कर देते। उन पर हुक्म चलाते खाना बनाओ झाड़ू लगाओ कानपुर आना हो तो मारते भी।
एक दिन की बात है सभी चूहे पिकनिक पर गए बड़ा खरगोश पड़ोस से एक रस्सी ले आया। उसे फंदे बनाएं अपने साथियों से बोलना बहुत हो लिया जे चूहे प्यार से नहीं मानते इन पर हमारी मीठी बोली का प्रभाव नहीं पड़ता अब दूसरी ही योजना बनानी होगी।
सभी खरगोशों ने सहमति में गर्दन हिलाई हां।
शाम को चूहे लौटे खूब शराब पिए हुए थे नशे में झूम झूम कर नाच रहे थे एक चिल्लाया मेज साफ करो दूसरे ने हुकुम चलाया जल्दी से भोजन लाओ।
छोटे खरगोश ने कहा बैठिये तो हुजूर आप के लिए हार लेकर आए हैं रस्सी में कुछ फूल जड़ दिए थे खरगोशों ने तीनों चूहों के गले में फंदे कस दिए।
यह यह क्या करते हो भाई गोरे चूहे ने कहा।
बड़े खरगोश ने उत्तर दिया अतिथि सत्कार हमारा धर्म है पर हम तुम लोगों की गुलामी नहीं कर सकते हम 6 हैं और तुम केवल तीन हम तुम्हें अपने घर पर कब्जा नहीं करने देंगे हम सब तंत्र हैं सभी खरगोशों उन्हें खदेड़ ते हुए साथ जंगल पार छोड़ आए।
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