बरसात के मौसम में अचानक सर्द मौसम हो जाता है तो कभी अचानक से उमस बढ़ जाती है ऐसा मौसम कई तरह की परेशानियां को लेकर आता है जैसे सर्दी, जुकाम, कफ़ , अस्थमा और फेफड़ों के रोग इस मौसम में जा ठंड में भी जिनके हाथ पैर ठंडे रहते हैं उनके लिए लिंग मुद्रा अति उत्तम है इस मुद्रा से शरीर में गर्मी बढ़ने लगती है बढ़ा हुआ कफ इस मुद्रा की गर्मी से पिघलने लगता है इसलिए खांसी, दमा, फेफड़ा और साइनस के रोगों में बहुत प्रभावशाली मुद्रा है पुराने से पुराना नजला ,जुकाम भी इस मुद्रा के लगातार नित्य अभ्यास से समाप्त हो जाता है लिंग मुद्रा के नियमित अभ्यास से शरीर क्षमता बढ़ती है निम्न रक्तचाप में लिंग मुद्रा लाभ देती है बढ़ी हुई चर्बी और मोटापा भी लिंग मुद्रा से कम होता है का प्रकृति वाले लोग इसका सर्दी के मौसम में रोजा अभ्यास करें ।
विधि – दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा कर मुट्ठी बंद कर लें तथा बाएं हाथ के अंगूठे को खड़ा रखें।
अवधि – कम से कम 15 मिनट दिन में तीन बार करें ज्यादा देर भी प्रयोग किया जा सकता है इस मुद्रा का प्रयोग करने पर जलन फलों का रस और दूध और घी का सेवन अधिक करें।
सावधानी – उच्च रक्तचाप में इस मुद्रा का प्रयोग ना करें यदि अल्सर हो तो ना करें सर्दी जुकाम काम से पीड़ित व्यक्ति सुबह उठते ही और रात सोते समय इसका अभ्यास अवश्य करें।
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